जैविक खेती / Organic Farming
जैविक खेती / Organic Farming (हिंदी/English) 2019, May
आसान शब्दों में जैविक खेती एक ऐसी विधि है बिना कृत्रिम रसायन आधारित उर्वरकों और कीटनाशकों के प्रयोग की खेती को जैविक खेती कहते है। यह न केवल लागत कम करने में मदद करती है परन्तु साथ ही साथ मिट्टी के स्वास्थ्य में भी सुधार करती है। पशुओं के गोबर, अवशेष, मानव मल और फसलों के अवशेष से बने खाद ही इसमे प्रयोग किये जाते है।
जैविक बागवानी में पौधारोपण कैसे करें 2019, December
ऐसे किसान भाई / बहन जो जैविक बागवानी और जून – जुलाई में पौधारोपण करना चाहते हैं वह पौधारोपण से पहले इन क्रियाओं को अच्छी तरह समझ ले और इनका पालन अवश्य करें। जैविक पद्धति में पौधारोपण से पहले निम्न क्रियाओं को समझना और इनका पालन करना बहुत जरूरी है।
कचरा अपघटक (किसानों की दुगुनी आय का मार्ग) राष्ट्रीय जैविक कृषि केन्द्र, गाजियाबाद, भारत सरकार, 2015
खेती में वेस्ट डिकंपोजर (जैव अपघटक) कारगर साबित हो रहा है। इसके प्रयोग से न सिर्फ फसल अवशेष जल्द ही कंपोस्ट खाद में तब्दील हो जाते हैं। यह प्रयोग मिट्टी में अघुलनशील पोषक तत्वों को घुलनशील बनाकर पौधों के लिए ग्रहण करने योग्य बनाता है। इससे फसल का उत्पादन बढता है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक वेस्ट डिकंपोजर में लाभदायक सूक्ष्म जीव होते हैं जो फसल अवशेषों को सड़ाकर खाद में तब्दील कर देते हैं। जो मृदा में जीवांश कार्बन को बढ़ाने में सहायक होता है।
Waste Decomposer (A Way of Farmers Doubling Income) National Centre of Organic Farming, Gaziabad, Government of India, 2015
NCOF launched waste decomposer culture in 2015 which is proving as miracle all over the country. It is used for quick composting from organic waste, soil health improvement and as plant protection agent. It is a consortium of micro organism extracted from desi cow dung. As on date waste decomposer is solid in a bottle of 30 gms costing Rs. 20/- per bottle directly through NCOF and RCOF to 1 lakh farmers. The waste decomposer is also validated by ICAR
जैविक यूरिया बनाये 2019, August
जैविक खेती में नाइट्रोजन की आपूर्ति बायो और जैविक उत्पादों द्वारा पूरा किया जाता है। जैविक खेती करने वाले किसान अधिकतर जैविक उत्पादों को अपने आप ही स्थानीय सामग्री से बनाकर उपयोग करते है। यहाँ पर हम आपको स्वयं नाइट्रोजन बनाने की एक विधि बताने जा रहे है|
गाजर घास का समन्वित प्रबंधन, भा.कृ.अ.प., खरपतवार अनुसन्धान निदेशालय, जबलपुर, म.प्र. 2017
गाजर घास एक खरपतवार है जिससे प्रत्येक किसान छुटकारा चाहता है। इस लेख में इसकी रोकथाम के विभिन्न तरीके चित्रों की सहायता से बताये गए है। इनका उपयोग कर न केवल किसान इससे छुटकारा पा सकते है बल्कि इसे अपने उपयोग में भी ला सकते है।
विभिन्न प्रकार से गोबर की खाद बनाने के परिणाम की रिपोर्ट, December 2020 (pdf)
हमने अमेजिंग किसान फार्म पर दो प्रकार से गोबर की खाद बनाई और उसे प्रयोगशाला में टेस्ट कराया। बनाने कि प्रक्रिया और परिणाम हमने अपनी अपने Amazing Kisan YouTube चैनल पर अपनी वीडियो संख्या 179 और 197 में दिखाई है।
वेस्ट डिकॉम्पोज़र, कम्पोस्ट और ह्यूमस में अंतर, April 2021 (pdf)
हमने अपने यहां तैयार WD घोल को, जो लगभग 45 दिन पुराना था, एक प्रयोगशाला में भेजा। वह घोल हमने 200 लीटर पानी, दो किलो गुड़ और हमारे पास का ही कल्चर एक प्लास्टिक के ड्रम में तैयार किया। उसकी जो रिपोर्ट आई है उससे पता चलता है कि उस WD कल्चर में नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटाश और ज़िंक सॉल्युबलाइजिंग बैक्टीरिया (पी एस बी) मौजूद है।
उत्तम गोबर की खाद तैयार करें, April 2021 (pdf)
अच्छी बागवानी के लिए वर्ष में दो बार पौधों की उम्र के हिसाब से गोबर की अच्छी तैयार खाद अवश्य डालनी चाहिए। अगर आप भी इस प्रकार की खाद तैयार करना चाहते हैं तो निम्न तीन में से कोई भी एक तरीका अपना सकते हैं। यह खाद 2 महीने से लेकर 4 महीने में अच्छी तरह तैयार हो जाएगी जो इस बात पर निर्भर करता है कि आप कौन सी विधि अपना रहे हैं।
रोग और उपाय
हाइड्रोजन पेरोक्साइड – पौधों में रोगों की रोकथाम के लिए कितना लाभदायक और किस प्रकार प्रयोग करें। December 2020 (pdf)
हाइड्रोजन पेरोक्साइड एक जैविक अकार्बनिक यौगिक है। इसका प्रयोग आप अपने पौधों पर कुछ बीमारियों की रोकथाम में कर सकते है। यह सब इस प्रपत्र में विस्तार से बताई गई है। इस पर आप हमारे YouTube चैनल Amazing Kisan पर वीडियो नंबर 199 और 203 भी देख सकते है।